बात है एक गाँव के छोटे से school की जहां लगभग सैंकड़ो बच्चे पढ़ते थे ! एक समय की बात है जब कक्षा 5 वी का परिणाम आया और तीन बच्चो ने मिलकर 5 वी कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया ! यानी तीनो लडको को समान समान अंक प्राप्त हुए !
गाँव के प्रधान ने तीनो बच्चो को धन्यवाद दिया और शुभकामनाये दी और बोले आपने गाँव का नाम रोशन किया है ! आप जो भी मांगना चाहते हो मैं तुम्हे प्रोत्साहन के रूप में वही देना चाहता हूं ! तीनो बच्चे बहुत खुश हुए और मांगना शुरू किया ! बच्चो के प्रोत्साहन के लिए school की तरफ से गाँव के प्रधान को आमंत्रित किया गया और बच्चो को बुलाया गया !
पहला बच्चा महाराज आप बहुत अमीर है आपके पास धन की कोई कमी नहीं है ! आपके पास बंगले है होटल है गाड़ी है ! आप मुझे एक बंगला और एक गाड़ी दे दीजिये ताकि में आराम से रह सकू और बड़ा होकर गाड़ी में मोज मस्ती कर सकू !
दूसरा बच्चा जी महाराज आप के पास पैसा भी बहुत है आप मुझे कुछ पैसा दीजिये ताकि में आराम से ऐश कर सकूँ और अच्छा खा सकूँ अच्छे कपडे पहन सकूँ ! प्रधान ने दोनों बच्चो की मांग पूरी की ! अब बारी है तीसरे लड़के की जो अभी शांत बैठा हुआ है !
तीसरा लड़का यह लड़का अभी शांत बैठा हुआ है उसको समझ नहीं आ रहा की आखिर मुझे गाँव के प्रधान से क्या लेना चाहिए ! लड़का कुछ समय बाद बोलता है प्रधान जी में बहुत गरीब हूं आप बस मेरे ऊपर दया कर दो की मुझे पूरी पढाई करवा देना, बस इतना अहसान कर दो ! राजा ने तीनो बच्चो की ईच्छा पूरी करने का संकल्प लिया !
कुछ दिनों बाद समय बीतता गया लड़के बड़े होते गये ! एक समय ऐसा आया की गाँव में बहुत तेज बाढ़ आई और पहले लड़के का बंगला पानी में बह गया और आप भी जानते है की एक निश्चित रखा हुआ धन अधिक समय तक नहीं रुकता वो ख़त्म हो जाता है और ऐसा ही दुसरे लड़के के साथ हुआ ! और तीसरा लड़का पढ़ लिख कर उसी school में teacher बन गया !
एक दिन वो दोनों लड़के अपने दोस्त जो teacher है उसके पास जाते है ! और बोलते है भाई अगर हम भी उस दिन गाँव के प्रधान से पढने का प्रोत्साहन मांग लेते तो आज हमे यह दिन देखने को नहीं मिलते आज हम बर्बाद हो चुके है हमारे पास कुछ नहीं है !
धन हमेशा चलता फिरता रहता है यह हमेशा हमारे पास नहीं रह सकता लेकिन शिक्षा हमारे पास हमेशा रहती है ! हम धन से धनवान नहीं बन सकते लेकिन शिक्षा से हम जरुर धनवान बन सकते है !
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