बचपन का पहला खेल तेरे साथ था,
बचपन कि पहेली हसी तेरे साथ थी,
बचपन कि पहेली ख़ुशी तेरे साथ थी,
लेकिन, हमें क्या पता था की,
इस बचपन की नादानी में हमे पहला प्यार हो जायेगा ,
लेकिन, हमें ये भी न पता था क्या तुम्हे भी इकरार होगा ?
शायद ये भी हो सकता था की तुम्हे इंकार हो ,
इसे इकरार और इंकार में मेरा पहला प्यार अधूरा रह गया ,
इस बात का जरूर दुःख है के तू मेरे साथ नहीं है !
पर, इस बात की भी ख़ुशी है की वो पल और लम्बे जो तेरे साथ जिये हैं ,
वो मेरे ज़िन्दगी के उन हसींन लम्हो मैं सुमहार हैं,
जो मैं मर के भी भूलना नहीं चाहता
Originally Published on https://talesoftales.com by Alok Singh
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